Friday, December 14, 2012

स्पोट्र्स पर्सन्स नेवर क्विट : ओलिंपियन डिस्कस थ्रोअर कृष्णा पूनिया, वीरेंदर पूनिया, ओलिंपिक बॉक्सर अखिल कुमार, बॉक्सर जय भगवान


अमित पाठे

‘स्पोट्र्स पर्सन्स कभी अपनी हार पर निराश नहीं होते, वे फिर से चैलेंज के लिए पूरे जोश के साथ गलतियों को दूर करते हुए तैयारी करते हैं। यही फलसफा है मेरी भी लाइफ का। मैं ये भी मानती हूं कि हार्डवर्क का कोई विकल्प नहीं होता है। खिलाड़ी निराश से हमेशा दूर रहते हैं। जो बच्चे पढ़ाई के साथ स्पोट्र्स में भी इन्वॉल्व रहते हैं वे ज्यादा अच्छे स्टूडेंट साबित होते हैं।’ यह कहना है ओलिंपियन डिस्कस थ्रोअर कृष्णा पूनिया का। दैनिक भास्कर स्पोट्र्स ओलंपियाड में हिस्सा लेने अपने पति वीरेंदर पूनिया के साथ भोपाल आईं कृष्णा पूनिया ने अपनी प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ के बारे में बातें सिटी भास्कर से शेयर कीं...

भास्कर की यह पहल बहुत उपयोगी और सार्थक है। देश भर में इसी तरह की स्पोर्टिंग एक्टिविटीज होनी चाहिए। इन्हीं ग्राउंड लेवल एक्टिविटीज से भविष्य के ओलिंपियन तैयार होंगे। यह माना कृष्णा पूनिया के पति और कोच विरेंदर पूनिया ने। उन्होंने कहा कि अगर एक स्टूडेंट रोज मैक्सिमम 2 घंटे ग्राउंड में स्पोट्र्स एक्टिविटी से जुड़ा रहे तो वो अपनी स्टडी में भी बेहतर परफॉर्म कर पाएगा।


खेलते-खेलते बोर होती हूं तो पढ़ लेती हूं : कृष्णा

जब मैं गेम्स से बोर हो जाती हूं तो कुछ पढ़ लेती हूं। वैसे मैं दुनिया में कहीं भी रहूं, ऑनलाइन मधुरिमा जरूर पढ़ती हूं। इसके अलावा मुझे अलग-अलग देश के कल्चर की जानकारी देने वाली किताबें अच्छी लगती हैं। आर्किटेक्चर और हिस्टॉरिकल साइट्स के कारण मुझे ओल्ड लंदन सबसे अच्छा शहर लगता है। लोग मुझे अमेरिका के सबसे अच्छे लगते हैं क्योंकि वे स्ट्रेट फारवर्ड होते हैं। कल्चर मुझे इंडिया का सबसे अच्छा लगता है।

पार्टिसिपेशन कम है : डिस्कस में प्लेयर्स का पार्टिसिपेशन काफी कम है इस वजह से पिछले कुछ सालों में डिस्कस में कोई बड़ा दूसरा बड़ा प्लेयर नहीं उभर पाया है, यह बढऩा चाहिए।

भोपाल में काफी स्कोप : स्पोट्र्स के लिहाज से भोपाल में काफी स्कोप दिखाई देता है। यहां स्पोट्र्स के लिए साई का रीजनल सेंटर, नेशनल स्पोट्र्स कैंप के आयोजन और गवर्नमेंट की पॉलिसीज फेवरेबल है। 


एक्सक्यूज नहीं दे सकते खिलाड़ी

 ‘जब खिलाड़ी मैदान में कामयाब नहीं हो पाता तो वह जाहिर से एक्सक्यूज देता है। लेकिन हार तो हार होती है और जीत का कोई अल्टरनेट नहीं होता। इस सिचुएशन में एक्सक्यूज्स का कोई स्थान नहीं होता है।’ यह कहना है ओलिंपिक बॉक्सर अखिल कुमार का। अखिल से जब स्कूली खिलाड़ी ऑटोग्राफ ले रहे थे तो वे मुस्कुराहट के साथ कहते हैं, ‘यार छोटे! ऑटोग्राफ का जमाना अब गया। ट्विटर पर फॉलो करने का दौर आ गया है।’
  
जीत के पहले मिले ‘प्राइज’

‘खिलाडिय़ों को मुकाबलों में जीतने के बाद प्राइज की घोषणाएं की जाती हंै। दरअसल, खिलाडिय़ों को जीतने से पहले ही इस तरह के प्राइज से मोटिवेशन की जरूरत होती है। ऐसा होगा तब ही खिलाड़ी टेंशन और स्ट्रेस फ्री होकर अपनी परफॉर्मेंस पर फोकस कर पाएगा।’ यह कहना है लंदन ओलिंपिक में क्वार्टर फाइनल तक पहुंचे बॉक्सर जय भगवान का। वे कहते हैं कि मोटिवेशन न होने के साइड इफेक्ट से खिलाड़ी को यही चिंता रहती है कि अगर वो जीते तो राजा बना दिए जाएंगे, नहीं तो रंक। बाइक छोड़ यूथ को साइकल पर चलना चाहिए, तभी देश में अच्छे प्लेयर निकल कर आएंगे। उन्होंने कहा कि मीडिया की चमक-दमक प्लेयर के लिए काफी यूजफुल होती है और डबल एफर्ट से प्रैक्टिस करता है।

बिला बोंग स्कूल और इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल (आईपीएस) के खिलाडिय़ों ने दैनिक भास्कर स्पोट्र्स ओलिंपियाड के फुटबॉल मुकाबले में विजयी शुरुआत की है। एशिया पेसिफिक ग्रुप द्वारा प्रायोजित और आकाश इंस्टीट्यूट के सह प्रायोजन और खेल एवं युवा कल्याण विभाग व भारतीय खेल प्राधिकरण के सहयोग से आयोजित टूर्नामेंट के बास्केटबॉल के मुकाबलों में मॉडल स्कूल, मोंट फोर्ट, केवी १, ज्ञानगंगा, बालभवन, डायनामिक और संस्कार वैली ने भी अपने-अपने मुकाबले जीतकर अगले दौर में प्रवेश किया। राजधानी के तात्याटोपे स्टेडियम पर फुटबॉल के मैचों बिला बोंग स्कूल ने सेंट जेवियर को २-० से पराजित किया। विजेता टीम की ओर से अमिया ने छठवीं और निहाल ने ५५वें मिनट में गोल दागे। दूसरे मैच में आईपीएस ने ज्ञानगंगा को ४-० से मात दी। ज्ञानगंगा की ओर से ओजस (पहले), शिवा सिंह (२३वें), दिव्यांशु (३८वें) और अभिषेक (४४वें) मिनट में गोल किए। अन्य मैचों में गोल्डन बडर््स ने संस्कार वैली को २-० से और नालंदा पब्लिक स्कूल ने केंब्रिज स्कूल को ८-० से पराजित किया।

बास्केटबॉल के परिणाम : बालक वर्ग- मॉडल स्कूल विवि आरडीपीएस १८-४, संस्कार वैली विवि आनंद विहार ४३-२५, ज्ञानगंगा विवि सेंट जेवियर ४८-१८, केवी-१ विवि ओरियन स्कूल ३६-१९, बालभवन विवि किड्जी ३६-८। 

बालिका वर्ग : मॉडल स्कूल विवि कमला नेहरू स्कूल ३०-६, ज्ञानगंगा विवि सागर पब्लिक स्कूल २२-११, डायनामिक स्कूल विवि मेरी डॉल २-०, बाल भवन विवि किड्जी २२-०, मोंट फोर्ट विवि सेंट थेरेसा १३-२ 



 

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