▐┌ आज अपनी मकानमालकिन के साथ मंदिर गया। यह उनके घर से नजदीक ही है लेकिन वे लोग यहां एक साल से नहीं आए थे। इतने दिनों बाद मदिर आने का कारण वह चूहे के कपड़े कुतर देना बताया।
हमारे मंदिर-मस्जिद-गुरुद्वारे-चर्च जाने और त्यौहार मनाने के पीछे जितनी छोटे कारण होते है। उससे कहीं छोटे और टुच्चे कारण ऐसा न करने के होते।
अगर वह चूहा कपड़े न कुतरता तो आज गणेशजी को मंदिर में इस भक्त के दर्शन न होते!


