स्कूल का क्रश टीनएज आते-आते और कड़क होने लगा था। हम 11वीं क्लास में थे।
हमारे स्कूल का रास्ता एक था लेकिन दोनों का डायरेक्शन डिफरंट था। हम
अक्सर आईटी चौराहे के आसपास उस सड़क पर एक-दूसरे को क्रॉस करते हुए स्कूल
जाते थे। लेकिन ना तुमने पहल की और ना मैं हिम्मत जुटा पाया। जब हम कॉलेज
पहुंचे तो मोबाइल फोन ने हमें थोड़ा कनेक्ट करवा दिया। कॉल पर फॉर्मल सी
हाय-हैलो के अलावा कुछ नया नहीं हो पाता था। मेरे फ्रेंड्स ने मेरी चाभी
भरी और बोले, ‘ओए! मोबाइल में बैलेंस ही डलवाता रहेगा या कभी उसे दिल की
बात भी कहेगा?’ मोबाइल पर नाइट पैक का रिचार्ज वाउचर डलवाया और सैटर्डे
नाइट को तुम्हें प्रपोज करने की हिम्मत जुटा ही ली। घंटों लंबी बात के बाद
ना तुमने मेरे प्रपोजल पर ‘हां’ कहा और ‘ना’ तो बिल्कुल ही नहीं कहा।
आखिरकार, इस 50-50 रिलेशनशिप को वहीं छोड़ अपना फोकस स्टडीज पर कर दिया।
हमारी मोबाइल पर बातें बंद रही थीं। फिर तुम फेसबुक पर मिल गई। 3-4 महीने
एफबी पर चैटिंग होने के बाद एक दिन तुमने मेसेंजर पर रिप्लाय किया, ‘आई एम
गेटिंग मैरिड...।’ तुम्हारी शादी क्या फिक्स हुई तुमने अपना एफबी अकाउंड भी
डिलीट कर दिया। अब मेरे पास मोबाइल के इनबॉक्स में भेजे तुम्हारे चंद
आखिरी एसएमएस के अलावा कुछ भी नहीं है। अब तुम्हारी लिटिल सिस्टर मेरी एफबी
फ्रेंड बन गई है। उससे चैटिंग होने लगी है। तुम्हारा बर्थडे था और मैंने
उससे जुड़ा कोई एफबी स्टेटस अपडेट किया। इससे तुम्हारी सिस्टर को क्लू मिल
गया। और उसने चैटिंग पर मुझसे तुम्हारे लिए फीलिंग्स का कन्फेशन करवा ही
लिया। खैर, तुम ना सही लेकिन तुम्हारी सिस्टर से तो चैट हो जाती है, भले ही
मुझेको ‘भइया’ कहती है।